डायबिटीज या मधुमेह एक ऐसी बीमारी है

डायबिटीज या मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज के शरीर में ग्लूकोज का स्तर काफी अधिक हो जाता है। इस रोग में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है, जो हमारे शरीर में पाचन क्रिया के लिए जरूरी होता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो हमारे खाने के बाद ग्लूकोज को उपयोग के लिए शरीर की कोशिकाओं में प्रेषित करता है। मधुमेह में, हमारे शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रह पाती हैं।

डायबिटीज के मरीजों को अमला, आलू, अंगूर, शकरकंद, कटहल, खजूर, और केला जैसे फलों और सब्जियों से परहेज करना चाहिए क्योंकि इनके सेवन से खून में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है।

जो लोग डायबिटीज से पीड़ित नहीं हैं, उनका खाली पेट शुगर स्तर 70-99 मिलीग्राम/डीएल होता है। इससे अधिक शर्करा का स्तर होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक होता है। बहुत ज़्यादा प्यास लगना या पेशाब आना, थकान, वज़न घटना, या नज़र का धुंधलापन आदि डायबिटीज के सामान्य लक्षण होते हैं।

मधुमेह के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं:

1. टाइप 1 मधुमेह (Type 1 Diabetes): इस प्रकार के मधुमेह में व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है। इससे होने वाली समस्या यह है कि शरीर को खाद्य पदार्थों से ग्लूकोज (चीनी) को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है। इसलिए, इस प्रकार के मधुमेह के रोगियों को दिन में नियमित रूप से इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है।

2. टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes): इस प्रकार के मधुमेह में व्यक्ति का शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उत्पादन या उपयोग नहीं करता है। इस प्रकार के मधुमेह का सबसे आम होता है। इसके नियंत्रण में मदद के लिए रोगी को गोलियों या इंसुलिन की आवश्यकता हो सकती है।

3. गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes): कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान इस प्रकार का मधुमेह होता है। आमतौर पर, बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या ठीक हो जाती है। हालांकि, इसके बाद भी, इन महिलाओं और उनके बच्चों को बाद में जीवन में मधुमेह होने की संभावना होती है।

मधुमेह के रोगियों के लिए दवाइयों का बहुत अधिक निर्भरता होता है। हालांकि, कुछ घरेलू उपायों द्वारा इसे नियंत्रित किया जा सकता है और रक्त शर्करा को सामान्य स्तर पर बनाए रखा जा सकता है।

अगर कोई व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है, तो उन्हें चिकित्सक की सलाह के अलावा कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो उनके रक्त शर्करा को नियंत्रित में रख सकते हैं। इसमें प्राकृतिक जड़ी-बूटियां, मसाले, फल, और सब्जियां शामिल हो सकती हैं।

घरेलू उपचार भी जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं

1. करेला और जामुन का सेवन:
• करेला और जामुन मधुमेह के लिए लाभकारी होते हैं। करेले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और विटामिन सी की मात्रा मधुमेह के रोगियों के रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है, जबकि जामुन का सेवन इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

2. मेथी का सेवन:
• मेथी में मौजूद अनेक गुण मधुमेह के लिए फायदेमंद होते हैं। यह रक्त शर्करा स्तर को कम करने में मदद करता है और इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है।

3. नीम के पत्ते:
• नीम के पत्ते मधुमेह के उपचार में बहुत प्रभावी होते हैं। इनमें मौजूद विटामिन सी, एवंटीऑक्सीडेंट्स, और एंटीबैक्टीरियल गुण रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

4. अमरुद के पत्ते:
• अमरुद के पत्तों का सेवन भी मधुमेह के लिए फायदेमंद हो सकता है। इनमें मौजूद गुण रक्त शर्करा स्तर को कम करने में सहायक होते हैं और इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं।

5. प्राकृतिक जड़ी-बूटियां:
• कुछ प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का सेवन भी मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकता है, जैसे कि कुटकी, जम्बूल, गुड़मार, और नीम। ये रक्त शर्करा स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

6. नियमित व्यायाम:
• व्यायाम मधुमेह के नियंत्रण में मददगार होता है। यह रक्त शर्करा स्तर को कम करता है, शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति संवेदनशील बनाता है, और सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

1 Comment

  • Surya

    June 12, 2024

    bahut achi jankari sajha ki gayi hai

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